भारत का नया संसद भवन (New Parliament House of India)

भारत का नया संसद भवन (New Parliament House of India)

28 मई, 2023 को स्वतंत्र भारत में निर्मित नए बेहद भव्य संसद भवन का लोकार्पण प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया, लोकतंत्र के सभी फैसले अब पुराने संसद भवन के स्थान पर इसे नए संसद भवन में ही किए जाएंगे। नए त्रिभुजाकार संसद भवन में पहले की तुलना में काफी ज्यादा सुविधाएँ  एवं हाईटेक व्यवस्थाएँ हैं। लगभग 100 साल पुराना संसद भवन 1927 में बनकर तैयार हुआ था। इस इमारत में संरचनात्मक जोखिमों के अलावा जगह की कमी हमेशा एक मुद्दा बनकर रही, यहाँ तक कि इसमें सांसदों के बैठने की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी। नतीजतन, 10 दिसंबर, 2020 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नए संसद भवन की आधारशिला रखी गई।

नए संसद भवन की मुख्य विशेषताएँ -

1. नए संसद भवन का कुल क्षेत्रफल 64,500 वर्ग मीटर है।
2. नया संसद भवन 4 मंजिला है। त्रिभुज आकार में डिजाइन किये गए इस भवन की लागत 900 करोड़ रुपये से अधिक है।
3. इसमें लोकसभा कक्ष में 888 तथा राज्यसभा कक्ष में 384 सीटों की व्यवस्था की गई है, जबकि तीसरे संयुक्त सत्र के लिए 1272 सीटों वाला वृहद्‌ हाल बनाया गया है।
4. इसमें लोक सभा हेतु भारत के राष्ट्रीय पक्षी मोर को थीम के रूप में जबकि राज्य सभा हेतु राष्ट्रीय फूल कमल के थीम का उपयोग किया गया है।
5. भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए केंद्र में एक भव्य संविधान हॉल बनाया गया है।
6. इस इमारत के मुख्य वास्तुकार गुजरात के विमल पटेल हैं। उनकी आर्चीटेक्चर कम्पनी एचसीजी डिजाइन एण्ड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने ही नए संसद भवन सेंट्रल विस्टा एवेन्यू व सम्बन्धित भवनों का डिजाइन तैयार किया है।
7. नए संसद भवन के निर्माण का काम टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने किया है। 

8. नए संसद भवन का निर्माण सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत किया गया है। 
9. इस भवन की आधारशिला प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 10 दिसम्बर, 2020 को रखी थी तथा इसका निर्माण 15 जनवरी, 2021 से प्रारम्भ हुआ था।
10. त्रिकोणीय आकार का यह नया भवन वस्तुत: एक षटकोण है।  
11. नए संसद भवन में प्रवेश के लिए 3 मुख्य द्वार व 3 उपद्वार हैं तीनों मुख्य द्वार जल, थल व नभ को समर्पित हैं। इन्हें क्रमश: ज्ञान द्वार, कर्म द्वार व शक्ति द्वार नाम दिया गया है।
12. प्रांगण में राष्ट्रीय वृक्ष बरगद भी स्थापित है।
13. महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू व सुभाषचंद्र बोस जैसे अनेक महान स्वतंत्रता सेनानियों के चित्र इसमें सजाए गए हैं।  
14. भवन के ऊपर शीर्ष में भारत के राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तम्भ के चार सिंह स्थापित हैं।
15. भारत की प्राचीन कलाओं व सांस्कृतिक विविधता को संसद भवन की दीवारों पर दर्शाया गया है।

"सेंगोल” की स्थापना

नए संसद भवन में लोकसभाध्यक्ष की सीट के पास "सेंगोल” (एक ऐतिहासिक राजदंड) भी स्थापित किया गया है। सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक माने जाने वाला 'सेंगोल' 5 फीट लंबी चांदी से बनी छड़ी है, जिस पर सोने की परत चढ़ाई गई है। इस छड़ी के ऊपरी हिस्से पर भगवान शिव के दिव्य बैल और वाहन नंदी विराजमान हैं।
प्राचीनकाल से ही राजदंड के रूप में माना जाने वाला सेंगोल केवल सत्ता का ही प्रतीक नहीं, बल्कि राजा के सामने सदा न्यायशील बने रहने तथा राज्य के प्रति समर्पित रहने के वचन का भी प्रतीक रहा है। सेंगोल का इतिहास चोल साम्राज्य से जुड़ा है। ऐसा माना जाता है कि भारत की स्वतंत्रता का हस्तांतरण भी सेंगोल के साथ ही हुआ था।  14 अगस्त, 1947 को स्वतंत्रता की घोषणा के पश्चात्‌ तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू को आधी रात को सेंगोल सौंपा था। बाद में इसे इलाहाबाद में संग्रहालय में रख दिया गया था। 




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