भारत में तेंदुए की आबादी में 7.95 प्रतिशत की वृद्धि - पाँचवीं जनगणना रिपोर्ट 2022

भारत में तेंदुए की आबादी में 7.95 प्रतिशत की वृद्धि - पाँचवीं जनगणना रिपोर्ट 2022


देश में तेंदुओं की गणना 4 साल के अंतराल पर की जाती है। इस तरह की नवीनतम पाँचवीं जनगणना रिपोर्ट 29 फरवरी, 2024 को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी की गई है। राज्यों के वन विभागों के सहयोग से राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा सम्पन्न इस गणना के आँकड़े को "भारत में तेंदुओं की स्थिति, 2022" नामक रिपोर्ट में प्रस्तुत किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार -

तेंदुओं की संख्या 7.95 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2018 में 12,852 से बढ़कर 2022 में 13,874 हो गई है। 2014 में तेंदुओं की संख्या 7,910 थी।

क्षेत्र के संदर्भ में, 2022 में तेंदुओं की सबसे अधिक संख्या मध्य भारत व पूर्वी घाट में 8,820 है, जबकि पश्चिमी घाट में 3,596, शिवालिक पहाड़ियों व गंगा के मैदान में 1,109 और उत्तर पूर्वी पवर्तीय क्षेत्र व ब्रह्मपुत्र के बाढ़ वाले मैदानी क्षेत्र में 349 है। इससे पहले 2018 में, मध्य भारत व पूर्वी घाट में तेंदुओं की संख्या 8,071 थी, जबकि पश्चिमी घाट में 3,387, शिवालिक पहाड़ियों व गंगा के मैदान में 1,253 और उत्तर पूर्वी पवर्तीय क्षेत्र व ब्रह्मपुत्र के बाढ़ वाले मैदानी क्षेत्र में यह संख्या 141 थी। इस प्रकार, 2018 - 2022 की अवधि के दौरान शिवालिक पहाड़ियों व गंगा के मैदानी क्षेत्र में तेंदुओं की संख्या में जहाँ 11.49 प्रतिशत की गिरावट आई है, वहीं 4 वर्षों की इस अवधि के दौरान उत्तर पूर्वी पवर्तीय क्षेत्र व ब्रह्मपुत्र के बाढ़ वाले मैदानी क्षेत्र में तेंदुओं की संख्या में 147.52 प्रतिशत की अधिकतम वृद्धि हुई है।
राज्यों के संदर्भ में, 2022 में मध्य प्रदेश में तेंदुओं की संख्या सबसे अधिक 3,907  है। 2018 में मध्य प्रदेश में यह संख्या 3,421 थी। दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र में 1,985 तेंदुए और तीसरे स्थान पर कर्नाटक में 1,879 तेंदुए पाए गए हैं। 2018 में महाराष्ट्र और कर्नाटक में यह संख्या क्रमश: 1,690 और 1,783 थी। इस मामले में तमिलनाडु चौथे स्थान पर है जहाँ  2022 में तेंदुओं की संख्या 1,070 आंकी गई है।  तमिलनाडु में 2018 में यह संख्या 868 थी।
उत्तर भारत के राज्यों में 2022 में मध्य प्रदेश में 3,907 तेंदुओं के बाद छत्तीसगढ़ में 722 (2018 में 852), राजस्थान में 721 (2018 में 476), उत्तराखंड में 652 (2018 में 839), उत्तर प्रदेश में 371 (2018 में 316), बिहार में 86 (2018 में 98) और झारखंड में 51 (2018 में 46) तेंदुए हैं।
बिहार, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, ओडिशा, गोवा और केरल राज्यों में 2018 की तुलना में 2022 में तेंदुओं की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है।
टाइगर रिजर्व या सबसे अधिक तेंदुए की आबादी वाले स्थल आंध्रप्रदेश के श्रीशैलम में नागार्जुन सागर और इसके बाद मध्यप्रदेश में पन्ना और सतपुड़ा हैं।


विभिन्न क्षेत्रों एवं राज्यों में तेंदुओं की संख्या
क्षेत्र/राज्य 2018 2022 2018 की तुलना में 2022 में वृद्धि/गिरावट 2018 की तुलना में 2022 में वृद्धि/गिरावट (प्रतिशत में)
शिवालिक पहाड़ियों व गंगा का मैदानी क्षेत्र 1253 1109 -144 -11.49
1. बिहार 98 86 -12 -12.24
2. उत्तराखण्ड 839 652 -187 -22.29
3. उत्तर प्रदेश 316 371 55 17.41
मध्य भारत व पूर्वी घाट 8071 8820 749 9.28
1. आन्ध्र प्रदेश 492 569 77 15.65
2. तेलंगाना 334 297 -37 -11.08
3. छत्तीसगढ़ 852 722 -130 -15.26
4. झारखण्ड 46 51 5 10.87
5. मध्य प्रदेश 3421 3907 486 14.21
6. महाराष्ट्र 1690 1985 295 17.46
7. ओडिशा 760 568 -192 -25.26
8. राजस्थान 476 721 245 51.47
पश्चिमी घाट 3387 3596 209 6.17
1. गोवा 86 77 -9 -10.47
2. कर्नाटक 1783 1879 96 5.38
3. केरल 650 570 -80 -12.31
4. तमिलनाडु 868 1070 202 23.27
उत्तर पूर्वी पर्वतीय क्षेत्र व ब्रह्मपुत्र के बाढ़ वाले मैदानी क्षेत्र 141 349 208 147.52
1. अरुणाचल प्रदेश 11 42 31 281.82
2. असम 47 74 27 57.45
3. उत्तरी बंगाल 83 233 150 180.72
सम्पूर्ण भारत 12852 13874 1022 7.95

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