देश में तेंदुओं की गणना 4 साल के अंतराल पर की जाती है। इस तरह की नवीनतम पाँचवीं जनगणना रिपोर्ट 29 फरवरी, 2024 को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी की गई है। राज्यों के वन विभागों के सहयोग से राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा सम्पन्न इस गणना के आँकड़े को "भारत में तेंदुओं की स्थिति, 2022" नामक रिपोर्ट में प्रस्तुत किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार -
♦ तेंदुओं की संख्या 7.95 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2018 में 12,852 से बढ़कर 2022 में 13,874 हो गई है। 2014 में तेंदुओं की संख्या 7,910 थी।
क्षेत्र के संदर्भ में, 2022 में तेंदुओं की सबसे अधिक संख्या मध्य भारत व पूर्वी घाट में 8,820 है, जबकि पश्चिमी घाट में 3,596, शिवालिक पहाड़ियों व गंगा के मैदान में 1,109 और उत्तर पूर्वी पवर्तीय क्षेत्र व ब्रह्मपुत्र के बाढ़ वाले मैदानी क्षेत्र में 349 है। इससे पहले 2018 में, मध्य भारत व पूर्वी घाट में तेंदुओं की संख्या 8,071 थी, जबकि पश्चिमी घाट में 3,387, शिवालिक पहाड़ियों व गंगा के मैदान में 1,253 और उत्तर पूर्वी पवर्तीय क्षेत्र व ब्रह्मपुत्र के बाढ़ वाले मैदानी क्षेत्र में यह संख्या 141 थी। इस प्रकार, 2018 - 2022 की अवधि के दौरान शिवालिक पहाड़ियों व गंगा के मैदानी क्षेत्र में तेंदुओं की संख्या में जहाँ 11.49 प्रतिशत की गिरावट आई है, वहीं 4 वर्षों की इस अवधि के दौरान उत्तर पूर्वी पवर्तीय क्षेत्र व ब्रह्मपुत्र के बाढ़ वाले मैदानी क्षेत्र में तेंदुओं की संख्या में 147.52 प्रतिशत की अधिकतम वृद्धि हुई है।
♦ राज्यों के संदर्भ में, 2022 में मध्य प्रदेश में तेंदुओं की संख्या सबसे अधिक 3,907 है। 2018 में मध्य प्रदेश में यह संख्या 3,421 थी। दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र में 1,985 तेंदुए और तीसरे स्थान पर कर्नाटक में 1,879 तेंदुए पाए गए हैं। 2018 में महाराष्ट्र और कर्नाटक में यह संख्या क्रमश: 1,690 और 1,783 थी। इस मामले में तमिलनाडु चौथे स्थान पर है जहाँ 2022 में तेंदुओं की संख्या 1,070 आंकी गई है। तमिलनाडु में 2018 में यह संख्या 868 थी।
♦ उत्तर भारत के राज्यों में 2022 में मध्य प्रदेश में 3,907 तेंदुओं के बाद छत्तीसगढ़ में 722 (2018 में 852), राजस्थान में 721 (2018 में 476), उत्तराखंड में 652 (2018 में 839), उत्तर प्रदेश में 371 (2018 में 316), बिहार में 86 (2018 में 98) और झारखंड में 51 (2018 में 46) तेंदुए हैं।
♦ बिहार, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, ओडिशा, गोवा और केरल राज्यों में 2018 की तुलना में 2022 में तेंदुओं की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है।
♦ टाइगर रिजर्व या सबसे अधिक तेंदुए की आबादी वाले स्थल आंध्रप्रदेश के श्रीशैलम में नागार्जुन सागर और इसके बाद मध्यप्रदेश में पन्ना और सतपुड़ा हैं।
विभिन्न क्षेत्रों एवं राज्यों में तेंदुओं की संख्या |
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क्षेत्र/राज्य | 2018 | 2022 | 2018 की तुलना में 2022 में वृद्धि/गिरावट | 2018 की तुलना में 2022 में वृद्धि/गिरावट (प्रतिशत में) |
शिवालिक पहाड़ियों व गंगा का मैदानी क्षेत्र | 1253 | 1109 | -144 | -11.49 |
1. बिहार | 98 | 86 | -12 | -12.24 |
2. उत्तराखण्ड | 839 | 652 | -187 | -22.29 |
3. उत्तर प्रदेश | 316 | 371 | 55 | 17.41 |
मध्य भारत व पूर्वी घाट | 8071 | 8820 | 749 | 9.28 |
1. आन्ध्र प्रदेश | 492 | 569 | 77 | 15.65 |
2. तेलंगाना | 334 | 297 | -37 | -11.08 |
3. छत्तीसगढ़ | 852 | 722 | -130 | -15.26 |
4. झारखण्ड | 46 | 51 | 5 | 10.87 |
5. मध्य प्रदेश | 3421 | 3907 | 486 | 14.21 |
6. महाराष्ट्र | 1690 | 1985 | 295 | 17.46 |
7. ओडिशा | 760 | 568 | -192 | -25.26 |
8. राजस्थान | 476 | 721 | 245 | 51.47 |
पश्चिमी घाट | 3387 | 3596 | 209 | 6.17 |
1. गोवा | 86 | 77 | -9 | -10.47 |
2. कर्नाटक | 1783 | 1879 | 96 | 5.38 |
3. केरल | 650 | 570 | -80 | -12.31 |
4. तमिलनाडु | 868 | 1070 | 202 | 23.27 |
उत्तर पूर्वी पर्वतीय क्षेत्र व ब्रह्मपुत्र के बाढ़ वाले मैदानी क्षेत्र | 141 | 349 | 208 | 147.52 |
1. अरुणाचल प्रदेश | 11 | 42 | 31 | 281.82 |
2. असम | 47 | 74 | 27 | 57.45 |
3. उत्तरी बंगाल | 83 | 233 | 150 | 180.72 |
सम्पूर्ण भारत | 12852 | 13874 | 1022 | 7.95 |
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