कंप्यूटर क्या है ? (What is Computer ?)
कंप्यूटर एक स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो डेटा और निर्देशों को इनपुट के रूप में लेती है, निर्देशों के अनुसार उनका विश्लेषण करती है और एक निश्चित प्रारूप में आउटपुट के रूप में आवश्यक परिणाम आउटपुट करती है। यह डेटा, निर्देश (सॉफ़्टवेयर) और परिणामों को भी संग्रहीत करता है ताकि उन्हें आवश्यकतानुसार उपयोग किया जा सके। यह डेटा को तेज और त्रुटि मुक्त तरीके से संग्रहीत और विश्लेषण करने का कार्य करता है। ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के अनुसार, "कंप्यूटर एक स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जिसका उपयोग कई प्रकार की तर्कपूर्ण गणनाओं के लिए किया जाता है।" कंप्यूटर एक मशीन है जो डेटा को स्वीकार करती है, उसे स्टोर करती है, दिए गए निर्देशों के अनुसार उनका विश्लेषण करती है और आवश्यकतानुसार विश्लेषण किए गए परिणामों को आउटपुट करती है।
निर्देश
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इनपुट👉प्रोसेस👉आउटपुट
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कम्प्यूटर की कार्य प्रणाली
कंप्यूटर की परिभाषा (Definition of Computer)
कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जिसे डेटा (input) को स्वीकार करने, इसे संसाधित (process) करने और परिणाम (output) उत्पन्न करने के लिए प्रोग्राम किया गया है। कंप्यूटर एक स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जो डाटा इनपुट करता है और सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम के अनुसार किसी परिणाम के लिए डाटा को प्रोसेस, स्टोर तथा डिस्प्ले करता है। 'कंप्यूटर' शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के 'computare' शब्द से हुई है। परन्तु कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ''कंप्यूटर' शब्द की उत्पत्ति 'compute' शब्द से हुई है। सामान्यतः दोनों का ही अर्थ 'गणना करना' है, इसलिए इसे गणक यन्त्र भी कहा जाता है। इसे हिंदी में 'संगणक' कहा जाता है। 'कंप्यूटर' शब्द अंग्रेजी के आठ अक्षरों से मिलकर बना है, जो इसके अर्थ को और भी अधिक व्यापक बना देते हैं -
C - Commonly (कॉमनली)
O - Operated (ऑपरेटिड)
M - Machine (मशीन)
P - Particularly (पर्टिक्युलर्ली)
U - Used for (यूस्ड फॉर)
T - Technical (टैक्निकल)
E - Education and (एजुकेशन एण्ड)
R - Research (रिसर्च)
अत: 'कंप्यूटर' से तात्पर्य एक ऐसे यन्त्र से है, जिसका उपयोग गणना, प्रक्रिया, यान्त्रिकी, अनुसन्धान, शोध आदि कार्यों में किया जाता है। कम्प्यूटर, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का संयोजन है, जो डाटा (Data) को सूचना (Information) में परिवर्तित करता है।
कंप्यूटर की कार्य पद्धति (Working method of computer)
कम्प्यूटर के द्वारा निम्न चार कार्य किए जा सकते हैं:
1. इनपुट (Input) - कम्प्यूटर में डाटा या सूचना को भेजना, इनपुट कहलाता है। यह सेण्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central - Processing Unit-CPU) के लिए डाटा और निर्देश भेजता है।
2. प्रोसेसिंग (Processing) - डेटा पर की जाने वाली उन क्रियाओं को जिनसे सूचना प्राप्त होती है, प्रोसेसिंग कहा जाता है। डेटा प्रोसेसिंग (Data Processing) का मुख्य लक्ष्य अव्यवस्थित डेटा (Raw Data) से व्यवस्थित डेटा (Information) प्राप्त करना है, जिसका उपयोग निर्णय लेने के लिए होता है। सेण्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट कम्प्यूटर के निर्देशों को एक्जिक्यूट करती है। यह कम्प्यूटर के द्वारा - कैलकुलेशन, तुलनात्मक कार्य व निर्णयक कार्यों में सहायता करती है।
3. आउटपुट (Output) - यह उपयोगकर्ता को संसाधित (Processed) डाटा उपलब्ध कराता है। यह कम्प्यूटर से प्राप्त होने वाले परिणामों को इनपुट निर्देशों के अनुसार यूजर के समक्ष प्रस्तुत करता है।
4. स्टोरेज (Storage) - यह डाटा और प्रोग्राम को स्थायी रूप से स्टोर करता है। इसका प्रयोग प्रोग्राम क्रियान्वयन (Program Execution) के समय सूचनाएँ स्टोर करने के लिए किया जाता है और इसमें से कोई भी सूचना प्राप्त करना सम्भव होता है।
कंप्यूटर की विशेषताएँ (Features of computer)
कम्प्यूटर की मुख्य विशेषताएँ निम्न है -
1. गति (Speed) - कम्प्यूटर एक सेकेंड में लाखों गणनाएँ करता है।एक कंप्यूटर एक इंसान द्वारा पूरे साल में किए गए काम को चंद सेकेंड में कर सकता है। कंप्यूटर हर्ट्ज़ (Hz) में प्रोसेसर की गति को मापते हैं। वर्तमान समय में कम्प्यूटर माइक्रो सेकण्ड (10⁻⁶Sec),नैनो सेकण्ड (10⁻⁹Sec) या पीको सेकण्ड (10⁻¹¹Sec) में भी गणनाएँ कर सकता है। कंप्यूटर की गति को एक सेकंड में संसाधित (processed ) किए गए निर्देशों की संख्या के आधार पर मापा जाता है। वर्तमान में कंप्यूटर एक सेकंड में दस लाख से अधिक निर्देशों को संसाधित (process)कर सकता है। इसलिए कंप्यूटर की गति को MIPS (Million Instructions Per Second) में मापा जाता है।
2. त्रुटि रहित कार्य (Accuracy) - कंप्यूटर की गणना लगभग त्रुटि रहित होती है। कम्प्यूटर कठिन-से- कठिन प्रश्न का बिना किसी त्रुटि (Error) के परिणाम प्रदर्शित करता है। गणना के दौरान अगर कोई त्रुटि पाई भी जाती है, तो वह प्रोग्राम या डाटा में मानवीय गलतियों के कारण होती है। यदि डेटा और प्रोग्राम सही है तो कंप्यूटर हमेशा सही परिणाम देता है। कभी-कभी वायरस के कारण कंप्यूटर में त्रुटियां हो जाती हैं।
3. स्थायी भंडारण क्षमता (Permanent Storage) - कम्प्यूटर में प्रयुक्त मेमोरी को डाटा, सूचना और निर्देशों के स्थायी भंडारण के लिए प्रयोग किया जाता है। चूंकि कम्प्यूटर में सूचनाएं इलेक्ट्रॉनिक तरीके से संग्रहित की जाती हैं, अतः सूचना के समाप्त या नष्ट होने की संभावना कम रहती है।
4. विशाल स्टोरेज क्षमता (Large Storage Capacity) - कम्प्युटर अपनी मैमोरी में सूचनाओं का विशाल भण्डार (Storage) संचित कर सकता है। इसमें ढेर सारे डेटा और प्रोग्राम्स को स्टोर करने की क्षमता होती है। असीमित डेटा और जानकारी को कंप्यूटर के बाहरी और आंतरिक स्टोरेज मीडिया (हार्ड डिस्क, फ्लॉपी डिस्क, मैग्नेटिक टेप, सीडी रॉम) में स्टोर किया जा सकता है।इसमें आँकड़ों एवं प्रोग्रामों के स्टोरेज की क्षमता हार्ड डिस्क की क्षमता पर निर्भर करती है। कम्प्यूटर में सूचनाएं कम स्थान घेरती हैं, अतः इसकी भंडारण क्षमता विशाल और असीमित है।
5. भंडारित सूचनाओं की शीघ्र पुनः प्राप्ति (Fast retrieval of stored information) - कम्प्यूटर के प्रयोग से संग्रहित सूचनाओं से आवश्यक सूचना चंद सेकेंडों में प्राप्त की जा सकती है। रैम (RAM-Random Access Memory) के इस्तेमाल से यह काम और भी आसान हो गया है।
6. त्वरित निर्णय लेने की क्षमता (Ability to take quick decision) - कंप्यूटर में परिस्थितियों का विश्लेषण करने के बाद अतीत में दिए गए निर्देशों के आधार पर त्वरित निर्णय लेने की क्षमता होती है।
7. पुनरावृति (Repetition) - कम्प्यूटर को आदेश देकर एक ही प्रकार का कार्य उसी विश्वसनीयता और गति से बार-बार किया जा सकता है।
8. स्फूर्ति (Agility) - कम्प्यूटर एक मशीन होने के कारण मानवीय दोषों से रहित है। इसे थकान तथा बोरियत महसूस नहीं होती है और हर बार समान क्षमता से कार्य करता है।
9. कार्य की एकरूपता (Uniformity of work) - एक ही कार्य को बार-बार और लगातार करने के बाद भी कंप्यूटर के कार्य की गुणवत्ता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
10. कागज के प्रयोग में कमी (Paperless Work) - कम्प्यूटर के सही प्रयोग से कागज की खपत में कमी की जा सकती है जिससे पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलती है।
11. बहुउद्देशीय (Versatile) - कम्प्यूटर की सहायता से कम्प्यूटर से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार के कार्य सम्पन किए जा सकते हैं । आधुनिक कम्प्यूटरों में अलग-अलग प्रकार के कार्य एक साथ करने की क्षमता होती है।
12. गोपनीयता (Secrecy ) - पासवर्ड के प्रयोग द्वारा कम्प्यूटर के कार्य को गोपनीय बनाया जा सकता है।पासवर्ड के प्रयोग से कम्प्यूटर में रखे डाटा और कार्यक्रमों को केवल पासवर्ड जानने वाला व्यक्ति ही देख या बदल सकता है।
13. सक्षमता (Diligence) - एक मशीन होने के कारण कम्प्यूटर पर बाहरी वातावरण का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। यह किसी भी कार्य को बिना रुके लाखों करोड़ों बार कर सकता है।
14. स्वचालित (Automatic) - कम्प्यूटर एक स्वचालित मशीन है, जिसमें गणना के दौरान मानव हस्तक्षेप की सम्भावना न के बराबर रहती है।कम्प्यूटर को कार्य करने के लिए निर्देश मनुष्य द्वारा ही दिए जाते हैं।एक बार आदेश देने के बाद, वह बिना रुके काम कर सकता है।
15. विश्वसनीयता (Reliability) - कम्प्यूटर की याद रखने की शक्ति एवं शुद्धता बहुत उच्च कोटि की होती है, इसलिए इसमें या इससे जुड़ी सभी क्रियाएं विश्वसनीय होती हैं।कम्प्यूटर प्रोसेस के पश्चात् सही व भरोसेमंद परिणाम देता है तथा गलती की संभावना नगण्य होती है।
कंप्यूटर की सीमाएँ (Limitations of the Computer)
1. बुद्धिहीन (No mind) - कम्प्यूटर में स्वयं की सोचने और निर्णय लेने की क्षमता नहीं होती। यह केवल दिये गये दिशानिर्देशों के अंदर ही कार्य कर सकता है।
2. भावनाओं से रहित (devoid of emotions) - कंप्यूटर भावनाओं से रहित होते हैं। उनका निर्णय हमारे द्वारा लिखे गए कार्यक्रमों के रूप में उन्हें दिए गए निर्देशों पर आधारित है।
3. खर्चीला (Expensive) - कम्प्यूटर के हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर काफी महंगे होते हैं तथा इन्हें समय-समय पर आवश्यकतानुसार परिवर्तित भी करना पड़ता है।
4. वायरस का खतरा (Immune to virus) - कम्प्यूटर में वायरस का खतरा बना रहता है जो सूचना और निर्देशों को दूषित या समाप्त कर सकता है। ये वायरस कम्प्यूटर की भंडारण क्षमता को भी प्रभावित करते हैं। हालांकि एंटीवायरस सॉफ्टवेयर (Antivirus Software) का प्रयोग कर इससे बचा जा सकता है।
5. बिजली पर निर्भरता (Depends on Electricity) - कम्प्यूटर अपने कार्य के लिए बिजली पर निर्भर करता है तथा इसके अभाव में कोई भी कार्य संपन्न कर पाने में सक्षम नहीं है।
कंप्यूटर से सम्बन्धित पद (Computer Related Terms)
1. हार्डवेयर ( Hardware) - यह कम्प्यूटर का वह भाग होता है, जिसे हम स्पर्श कर सकते हैं। कम्प्यूटर मशीन का वह भौतिक भाग जिसे हम छू (Touch) कर महसूस कर सकते हैं,हार्डवेयर कहलाता है। जैसे-की-बोर्ड, माउस, मॉनीटर, सीपीयू ,प्रिंटर, हार्ड डिस्क ड्राइव, मदरबोर्ड, प्रोसेसर, स्पीकर आदि।
2. सॉफ्टवेयर (Software) - यह कम्प्यूटर का वह भाग होता है, जिसे हम स्पर्श नहीं कर सकते हैं। अनुदेशों और प्रोग्रामों का समूह जो कम्प्यूटर को यह बतलाता है कि उसे क्या और कैसे करना है, सॉफ्टवेयर कहलाता है। जैसे - वैब ब्राउजर ,ऑपरेटिंग सिस्टम आदि। कम्प्यूटर को दिए गए निर्देशों (Instructions) से मिलकर प्रोग्राम (Program) बनता है। प्रोग्रामों (Programs) से मिलकर सॉफ्टवेयर (Software) बनता है। प्रोग्रामों के समुच्चय को जो कम्प्यूटर के विभिन्न कार्यों के सफल क्रियान्वयन के लिए उत्तरदायी होता है, सॉफ्टवेयर कहा जाता है। कंप्यूटर का हार्डवेयर सॉफ्टवेयर के निर्देशों के अनुसार काम करता है। एक ही हार्डवेयर अलग-अलग सॉफ्टवेयर निर्देशों के आधार पर अलग-अलग कार्य कर सकता है। हम सॉफ्टवेयर को भौतिक रूप में छू या देख नहीं सकते हैं। इस प्रकार, यदि हार्डवेयर कंप्यूटर का शरीर है तो सॉफ्टवेयर उसकी आत्मा है।
3. डाटा (Data) - यह तथ्यों और अव्यवस्थित आँकड़ों का समूह होता है। यह कम्प्यूटर में एक निश्चित स्थान पर स्टोर होता है , जिसे डाटा का स्थान कहते हैं। डाटा को दो प्रकार में विभाजित किया जा सकता है-
(i) संख्यात्मक डाटा (Numerical data) : यह अंकों से बना डाटा है जिसमें 0 से 9 तक अंकों का प्रयोग किया जाता है। इस तरह के डाटा पर हम अंकगणितीय क्रियाएं कर सकते हैं। जैसे- विद्यार्थियों का प्राप्तांक, कर्मचारियों का वेतन आदि।
(ii) चिह्नात्मक डाटा (Alphanumeric data) : इसमें अक्षरों, अंकों तथा चिह्नों का प्रयोग किया जाता है। इसमें अंकगणितीय क्रियाएं नहीं की जा सकती, पर इनकी तुलना की जा सकती है। जैसे- कर्मचारियों का पता।
4. सूचना (Information) - जब डाटा को उपयोगी बनाने के लिए इसे संसाधित (व्यवस्थित), संगठित तथा संचरित किया जाता है, तो प्राप्त डाटा सूचना कहलाता है। डाटा का उपयोगिता के आधार पर किये गये विश्लेषण और संकलन के बाद प्राप्त तथ्यों को सूचना कहते हैं। इस प्रकार, डाटा अव्यवस्थित तथ्य है जबकि सूचना व्यवस्थित डाटा है जो प्रयोग करने वालों के लिए उपयोगी होता है।
5. सूचना पुनर्प्राप्ति (Information Retrieval) - आवश्यकता के अनुसार सूचना पुनः प्राप्त करने की विधि को सूचना पुनर्प्राप्ति कहा जाता है।
6. डाटा प्रोसेसिंग (Data Processing) - उपयोगिता के आधार पर डाटा के विश्लेषण को डेटा प्रोसेसिंग कहा जाता है।
7. इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्रोसेसिंग (Electronic Data Processing) - इलेक्ट्रॉनिक विधि से डाटा का विश्लेषण इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्रोसेसिंग कहलाता है।
8. निर्देश (Instruction) - यह यूजर द्वारा कम्प्यूटर भाषा में कम्प्यूटर को दी गई कमाण्ड्स हैं । कम्प्यूटर को कार्य करने के लिए दिए गए आदेशों को निर्देश या अनुदेश कहा जाता है।
9. प्रोग्राम (Program) - यह निर्देशों (Instructions) का समूह होता है, जो विशेष कार्य करने के लिए एक क्रम में कम्प्यूटर को दिए जाते हैं।
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